किस्सा 1994 के बिहार का !!

ये किस्सा है 1994 का. लालू प्रसाद यादव उस दौर में बिहार के सीएम हुआ करते थें. बिहार पुलिस में दारोगा की भर्ती निकली हुई थी. बिहार के औरंगाबाद जिले का रहने वाला एक युवक भी दारोगा बनना चाहता था. पैरवी के लिए वह पहुंच गया लालू के दरबार में. युवक का नाम था सुरेश पासवान. उसने कहा कि सर दारोगा बनवा दिजिए. लालू ने हंस कर कहा कि थाने का दारोगा बनकर क्या करोगे, तुमको हम बिहार का दारोगा बना देंगे. संपर्क में रहना. आते जाते रहना. लालू ने ये बात गंभीरता से कही थी या हंसी मजाक में, ये उस वक्त कोई नहीं समझ सका.

सुरेश पासवान की पैरवी लालू ने नहीं सुनी तो वो थोड़ा निराश होकर लालू दरबार से वापस चला गया. फिर आया वर्ष 1995. बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया. लालू प्रसाद यादव उम्मीदवारों के चयन के लिए इंटरव्यू चल रहा था. सुरेश पासवान भी पहुंच गए. लालू से मिलें तो लालू ने कहा कि तुम ही आए थे न जी दारोगा में पैरवी के लिए तो सुरेश ने कहां, हां पर अब हम चुनाव लड़ेंगे आपकी पार्टी से.
लालू प्रसाद ने कहा कि चुनाव कैसे लड़ोगे, पैसा है तुम्हारे पास क्या ? चुनाव में खर्च बहुत होता है. फिर लालू ने दूसरा सवाल पूछा कि तुम को वोट देगा कौन ? सुरेश पासवान ने कहा कि सर, पैसा तो नहीं है मेरे पास और रही बात वोट की तो हमको कौन वोट देगा, वोट तो आपके नाम पर मिलता है. लालू ने सुरेश को कोई जवाब नहीं दिए.
जब अगले दिन अखबार आया तो उसमें राजद उम्मीदवारों की सूची में सुरेश पासवान का नाम देव सुरक्षित विधानसभा सीट के उम्मीदवार के तौर पर दर्ज था. सुरेश की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. लालू ने सुरेश को चुनाव लड़ने के लिए डेढ़ लाख रुपया भी दिया. सुरेश चुनाव जीत गए. सरकार बनने पर सुरेश को राबड़ी सरकार में मंत्री भी बना दिया गया.
सुरेश पासवान भी लालू के दिए हुए पैसों में से 25 हजार रुपये बच गए थें तो वो इन्हें वापस करने लालू के पास चले गए. लालू ने कहा कि ये तुम्हारे हिस्से का पैसा है, रख लो भविष्य में काम आएगा.

किसानों और मजदूरों को गुमराह कर रही है भाजपा- अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार किसानों और श्रमिकों को गुमराह करने के लिए घोषणाओं पर घोषणाएं कर रही है लेकिन उनका क्रियान्वयन कहीं होता नहीं दिखाई देता है। प्रधानमंत्री जी के एक भाषण सेे दूसरे भाषण तक उनकी सभी जिम्मेदारियां खत्म हो जाती है। उनकी आत्मनिर्भरता की बात में तो तनिक भी दम नहीं। यह उनके पांच साल पहले के तमाम वादों की कड़ी भर है। उनके मन की बात से तो यह लगता है कि हर कोई अब अपने जानमाल का खुद जिम्मेदार होगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री जी भी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश को बहुत कुछ दे दिया है किसान और मजदूर ढूंढ़ रहे है कहां है क्या दिया है? अपने पांवों पर खड़े होने में आर्थिक मदद देने के बजाय उसे और कर्जदार बनने के की साज़िश है।

भाजपा ने हाल में जो न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए हैं, वह सिर्फ छलावा है। जब क्रय केन्द्र नहीं है तो किसान अपनी उपज कहां बेचेगा? सरकारी नीतियों में विसंगतियों के चलते भी किसान परेशान है। मसलन मक्का और आॅयल सीड की खरीद ज्यादातर मुर्गी पालन उद्योग में होती है। जब पोल्ट्री उद्योग सरकार ने बंद किया तो मक्का खरीद भी बंद हो गई। किसान की बोई फसल बर्बाद हो गई। भाजपा सरकार के रहते किसानों को कोई आर्थिक लाभ होने वाला नहीं है। जब प्रदेश में ही मण्ड़ियों में उसकी फसल बिक नहीं पा रही है तो वह दूसरे प्रदेशों में बिना सरकारी मदद के कैसे जा पाएगा?
भाजपा ने किसानों के साथ दूसरा छल यह किया कि एक ओर समर्थन मूल्य बढ़ाने का नाटक किया तो दूसरी तरफ डीजल और गैस के दाम बढ़ा दिए। रासायनिक खाद, कीटनाशक, बिजली, सिंचाई और बीज के सम्बंध में किसान को कोई रियायत नहीं मिली। भाजपा सरकार में फल-फूल, सब्जी, दूध का काम करने वाले किसान मुश्किलों में फंस गए हैं। किसान से कहा जा रहा है कि वह बैंको से ज्यादा कर्ज ले, किसान को आत्महत्या की ओर प्रेरित करने का यह भाजपाई तरीका है। असल में भाजपा का खेती-किसान से कुछ लेना देना नहीं है। उसकी मानसिकता गरीब विरोधी, किसान विरोधी है।
प्रदेश में किसानों की जिंदगी बदहाल होती जा रही है। गन्ना किसानों का लगभग 20 हजार करोड़ रूपया मिलों पर बकाया है। गन्ना बकाये पर कानूनन 14 दिन बाद भुगतान न होने की स्थिति में किसानों को ब्याज की राशि भी मिलनी चाहिए, इस पर सभी मौन साधे हैं। मुख्यमंत्री जी की मिल मालिकों पर सख्त कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं है क्योंकि पूंजीघराने ही तो भाजपा के समर्थक हैं। उद्योगपतियों को तमाम छूट और राहत पैकेज देने वाली भाजपा क्रय केन्द्र हो या मिलों के तौल केन्द्र वहां किसानों का सिर्फ लाइन लगवाना जानती है।
उत्तर प्रदेश में पिछले पांच माह में किसानों को बे-मौसम बरसात, ओलावृष्टि और आकाशीय बिजली गिरने से मुसीबतें उठानी पड़ी हैं, फसलों के नुकसान के साथ मकानों और पशुधन की भी क्षति हुई है। समाजवादी पार्टी ने किसानों के नुकसान की भरपाई करने और किसानों को 10-10 लाख रूपए मुआवजे में देने की मांग की थी। भाजपा सरकार इतनी संवेदनशून्य है कि उसने इधर कान ही नहीं दिए।
सरकार अपने प्रचार पर जो खर्च विज्ञापनों पर कर रही है वह अगर किसानों और मजदूरों को दे देती तो उनका कुछ तो भला होता। बुंदेलखण्ड और बृजक्षेत्र में सैकड़ों किसान आत्महत्या कर चुके हैं। खेती को प्राइवेट हाथों में देने की भाजपा साजिश कर रही है, यह किसानों के साथ विश्वासघात है। समाजवादी सरकार में 100 एकड़ की मण्डी का आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के किनारे पर कन्नौज में व्यवस्था की थी। मलिहाबाद में आम की मण्डी बनी थी, भाजपा ने इन्हें बंद कर दिया। भाजपा-कांग्रेस की समान आर्थिक नीतियों के कारण किसानों का, गरीबों का भला नहीं हो सकता है।
प्रधानमंत्री जी जिस आत्मनिर्भरता की बात करते है उसकी सफलता बगैर किसानों के योगदान के सम्भव नहीं है। वह अन्नदाता है, भाजपा उसे भिखारी समझने की गलतफहमी न पाले। किसानों की मेहनत और उनकी उपज का लाभकारी मूल्य देना है तो भाजपा सरकार को भण्डारण, संरक्षण की उचित व्यवस्था करनी होगी ताकि अनाज, फल-सब्जी जल्दी खराब न हो। ब्याज पर कर्ज की व्यवस्था समाप्त हो। किसानों को बैंक के बजाय सीधे कार्य पूंजी देने का इंतजाम हो। क्रय केन्द्रों से गेहूं की खरीद हो। बिचैलियों की लूट खत्म की जाए।
प्रदेश में सरकार द्वारा किसान कर्जदार हो गए हैं उनके तमाम तरह के कर्ज माफ किए जाए। सन् 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने के वादे का क्या होगा? अभी तक तो इसकी भनक तक नहीं लगी। भाजपा नेतृत्व को यह नहीं भूलना चाहिए कि किसान ही खेतों में खून पसीना बहाकर हमारे लिए अन्न उपजाता है। वह उदासीन हुआ तो भुखमरी के हालात पैदा हो जाएंगे। भाजपा सरकार और उसकी गरीब, किसान विरोधी नीतियां ही इसके लिए जिम्मेदार होगी।

(राजेन्द्र चौधरी)
मुख्य प्रवक्ता

खुद भरपेट न खाओ चलेगा लेकिन कोई खाली पेट सोने न पाए..- “समाजवादी अपील”

खुद भरपेट न खाओ चलेगा लेकिन कोई खाली पेट सोने न पाए..।

समाजवाद ने हमेसा वंचित तबकों, किसान ,मजदूर, खेत-खलिहान और आम अवाम की चिंता की है।

आज हमारा देश ही नही पूरी दुनिया संकट से घिरी है। ऐसे में विश्व के सभी समाजवादी अपनी जान जोखिम में डाल विश्व की सेवा में लग गए हैं।

उत्तर प्रदेश में समाजवादी विचारधारा का नेतृत्व Akhilesh Yadav जी जैसे ऊर्जावान के हाथ में है। इस महामारी के दौरान समाजवादी नौजवान जिस तरह से गरीब, मजदूर किसान और आम अवाम की सेवा में लगे हैं उससे ये साबित हो गया कि अखिलेश जी ने अपने नौजवानों को समाजवाद की सही शिक्षा दी है।

आज अमेरिका से कोरोना महामारी के आंकड़े चौकाने वाले आ रहे हैं। सरकार के शुरुआती लापरवाही का खामियाजा हमारे प्रदेश को भी भुगतना होगा। आने वाले समय में समाजवादियों को ज्यादा मुस्तैद और सुरक्षित रहने की जरूरत है।

ऐसे विपदा में अब हम सभी को स्वभाव से समाजवादी होना पड़ेगा। पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने कहा था ” मैं स्वभाव से ही समाजवादी हूँ.”

S.K. Yadav

समाजवादी और उनके सलाहकार रूपी आलोचक

यदुराज हस्ताक्षर 002

★ समाजवादी और उनके सलाहकार रूपी आलोचक

कुछ लोग इतने शातिर होते हैं कि सलाह देने के नाम पर हर वक्त आलोचना करते रहते हैं । ये सेकुलरों के बीच में छुपकर रहते हैं । ये सलाह की भाषा में आलोचना करते हैं या यह कह सकते हैं कि सेकुलरिज्म की भाषा में साम्प्रदायिक भाव लिखते हैं । ऐसे लोग बेहद तुच्छ किस्म के जातिवादी होते हैं जो किसी एक विशेष जाति के विकास से जलते रहते हैं । इनके कमीज के बाहर सेकुलर रंग लगा होता है और शरीर पर सम्प्रदायिता और तुच्छ जातिवाद का धागा । ये बेहद वायरस किस्म के लोग है जो पहचान में नहीं आते है । समाजवादी लोगों के बीच इनकी संख्या खूब है क्योंकि समाजवादी लोग भोले होते है और बहुत जल्दी किसी पर विश्वास कर लेते हैं ।

इनकी कोई विशेष पहचान नहीं होती है लेकिन एक तरीके से इन्हें पहचान सकते है आप । जब ये सलाह की आड़ में आलोचना करते है तो इनकी आलोचना में समाजवादीयों के लिए सलाह से ज्यादा एक जाति विशेष के प्रति ईर्ष्या होती है वो भी बहुत बारीक बिल्कुल वायरस की तरह । शुरुआत में पता नहीं चलता है क्योंकि समाजवादी इसे सलाह मानते है लेकिन एक वक्त के बाद पता चलता है कि ये तो कुछ और ही लिख रहे थे सलाह के नाम पर । जैसे समाजवादियों की इमेज बिल्ड कर रहे थे या समाजवादियों को एक जाति तक सीमित कर रहे थे ।

ऐसे लोगो की पहचान करिये शुरुआती स्टेज पर ही इलाज करिये वरना ये वायरस बीमार कर डालेंगे बहुत बीमार ।

★समाजवादियों को सच्चे हितैसी की सलाह तथा सच्चे हितैसी के रूप में छुपे वायरसी आलोचक की सलाह में अंतर सीखना होगा ।

Vivek Yadurazz

बीजेपी देश के लिए खतरा- अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि दोबारा लोकसभा चुनाव में जीत और केन्द्र में भाजपा सरकार बनने के बाद भाजपा नेतृत्व में जो अहंकार दिखाई दे रहा है उससे देश में जहां संघीय व्यवस्था को आघात पहुंच रहा है वहीं विदेशों तक में भारत की छवि धूमिल हो रही है। संविधान की प्रस्तावना में ‘भारत को सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, धर्म निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य‘ घोषित करते हुए ‘समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता‘ की गारंटी दी गई है। भाजपा इन मूलभूत विचारों से अलग अपनी खिचड़ी पकाने में लग गई है जिसके नतीजे में देश की एकता और सौहार्द को खतरा पैदा हो गया है।

भाजपा और आरएसएस दोनों अपने साम्प्रदायिक एजेण्डा के लिए जाने जाते हैं। उनकी धर्म की राजनीति ने देश में सामाजिक सद्भाव को बहुत क्षति पहुंचाई है और समाज को बांटने का काम किया है। भाजपा की केन्द्र सरकार ने सीएए के बाद एनपीआर और एनआरसी कानून लाने का इरादा घोषित कर रखा है। सीएए और एनआरसी को जोड़कर एक ऐसी यंत्रणा बनाई जा रही है जो संविधान के अनुच्छेद-14 में दिए गए अधिकार का हनन करती है। इसके विरूद्ध देश-विदेश में भारतीयों के बीच गहरा आक्रोश है। गोद में बच्चे लिए महिलाएं तक इसके विरोध में देश के विभिन्न भागों में ठण्ड में ठिठुरती हुई धरना दे रही हैं। भाजपा इन महिलाओं को अपमानित कर रही है।
भाजपा की कुनीतियों के चलते आज सीएए पर दुनिया के सामने भारत को सफाई देनी पड़ रही है। कोई इसे भारत का आंतरिक मामला मानने को तैयार नहीं है। यूरोपीय संघ की संसद में नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रस्ताव पास किए गए हैं। यूरोपीय संघ की संसद में 751 सदस्य है जिनमें 560 सांसद इस कानून के विरोध में है। उन्होंने भारत में विपक्ष पर पुलिस के बल प्रयोग की जांच किए जाने की भी मांग की है। अमेरिका के कुछ सांसदों ने भी विरोध में अपनी आवाज दर्ज कराई है। भारत के लोकतांत्रिक और धर्म निरपेक्ष स्वरूप पर उंगली उठाई जा रही है।
यही नहीं, भाजपा की हठधर्मी का राज्यों में भी तीब्र विरोध शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सबसे मुखर विरोध किया है। केरल, पंजाब, असम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र आदि कई राज्यों ने भी सीएए लागू करने से इंकार किया है। केन्द्र राज्य के बीच यह संघर्ष संघीय व्यवस्था को चोट पहुंचाने वाला है। भाजपा के पास केन्द्र में बहुमत है परन्तु इस बहुमत के आगे लोकमत की उपेक्षा नहीं की जा सकती है। जिस जनता के मत पर भाजपा ने अपनी सरकार बनाई है वह अपने मतदाता की भावना को ही कुचलने की साजिश कर रही है। लोकतंत्र के लिए यह खतरे की घंटी है। संविधान निर्माता डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर ने सत्ता के दुरूपयोग की जो चेतावनी दी थी वह भाजपा के सम्बंध में सटीक और सार्थक बैठती है। प्रधानमंत्री जी और गृहमंत्री जी को डराने और धमकाने की भाषा छोड़कर संविधान के अनुकूल आचरण और ‘राजधर्म‘ का स्मरण करना चाहिए।
(राजेन्द्र चौधरी)
मुख्य प्रवक्ता

भाजपा धूर्त और झूठी पार्टी – बरसाती मुनीब

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी झूठे डॉक्टर पर आखिर क्यों भड़के इस बात को समझने के लिए आपको यह खबर पूरी पढ़नी पड़ेगी ,

दरअसल जब अखिलेश यादव जी पीड़ित परिवारों के परिजनों से बात करके उनका हाल चाल ले रहे थे और शासन द्वारा मिलने वाली मदद के बारे में पूछ रहे थे व घायलों से बस में यात्रियों की संख्या पूछ रहे थे तब डॉक्टर डी एस मिश्रा बीच में टोका टाकी व गलतबयानी तथा गुमराह कर रहे थे ,पीड़ितों के स्वजन कह रहे थे कि प्रशासन से हमें कोई मदद नहीं मिली लेकिन गोरखपुर के मूल निवासी डॉक्टर डीएस मिश्रा का कहना था कि सभी को मदद दे दी गयी है , इस प्रकार वे शासन की गलती को छिपा रहे थे व डॉक्टरी करने व मरीजों का इलाज के बजाय राजनैतिक दल भाजपा की सरकार के कुशासन को राजनैतिक रूप से छिपाने की कोशिश कर रहे थे जो कि अनुचित था और डॉक्टर के इस दांवपेंच भरे इस झूठ पर संवेदनशील पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश जी का भड़कना लाजमी था ,भाजपा का आईटी व ट्रोलर गैंग कल से उस वीडियो को गलत तरह से पेश कर रहा है जबकि अखिलेश यादव जी ने जनता के प्रति अपना धर्म निभा रहे थे ।।

नोट – समाजवादी साथीगण कृपया इस खबर को अधिक से अधिक प्रचारित प्रसारित करें व भाजपा के फैलाये जा रहे झूठ की पोल खोलें ।।

समाजवादी राजनीति आक्रामकता की राजनीति है- यशवीर!

भांड़ मीडिया और दंगाई भजपय्यो ने अफवाह उडा़ई की समाजवादी पार्टी गुंडों की है और लोगों ने मान लिया।इस दुष्प्रचार का ये असर हुआ कि अपने पांच साल के कार्यकाल मे बेहतरीन काम करने के बावजूद समाजवादी पार्टी चुनाव हार गयी।

इसका सबसे दुखद पक्ष ये रहा कि इस अफवाह से समाजवादी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तक दबाव मे आ गया और खुद को साफ पाक दिखाने की कोशिश मे लग गया।समाजवादी पार्टी के कार्यकताओं की जो उत्पीड़न और हत्याओं की खबरें आप आये दिन सुनते रहते हैं वह इसी साफ पाक दिखने की नीति का परिणाम है,इसलिएराष्ट्रवाद और हिन्दुत्व की आड़ लिए जातिवादी भेडियों को आप जितना जल्दी पहचान लेंगे उतना ही अच्छा रहेगा।महाराष्ट्र मे शिवसेना अपनी आक्रमकता से ही जिंदा है यह बात समाजवादी पार्टी उसके नेतृत्व और कार्यकर्ताओं को कतई नहीं भूलना चाहिए वैसे भी सामने जब प्रतिद्वंद्वी रंगा बिल्ला ओगी भोगी जैसे अपराधी हों तो शराफत और नैतिकता का कोई मतलब भी नहीं रहता है…बाकी आपकी मर्जी…!!

यशवीर

समाजवादियों ने राजनारायण की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया!!

समाजवादी पार्टी के मुख्यालय लखनऊ में आज समाजवादी नेता श्री राजनारायण की 33 वीं पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रंद्धाजलि अर्पित की गई समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने श्री राजनारायण के चित्र पर माल्यार्पण किया और उनके रास्ते पर चलने का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर मुख्य रूप से पूर्व विधानसभाध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय, नेता विरोधी दल विधानसभा श्री रामगोविन्द चौधरी, नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद श्री अहमद हसन, राष्ट्रीय सचिव श्री राजेन्द्र चौधरी तथा प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेश उत्तम पटेल उपस्थित थे।

श्री अखिलेश यादव ने श्री राजनारायण को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि जहां कही भी अन्याय हो, राजनारायण जी उसके विरूद्ध खडे़ हो जाते थे। जीवन भर वे बचितों, दलितों, गरीबों के लिए संघर्ष करते रहे। नौजवानों के लिए लड़ाई लड़ने में भी वह आगे रहते थे। 1977 में रायबरेली में श्रीमती इन्दिरा गांधी को चुनाव में पराजित कर उन्होंने एक नया इतिहास रचा था। इन्दिरा जी ने तब अपनी सत्ता जाती देखकर आपातकाल लागू किया था। श्री राजनरायण समाजवादी व्यवस्था कायम करने के लिए जीवन भर संघर्षरत रहे। वे डा0 लोहिया के सहयोगी थे। 1952 में राजनारायण उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे।
श्री यादव ने कहा कि जनता पार्टी की केन्द्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उन्होने चिकित्सा को गांव में गरीब घर तक पहंुचाने की व्यवस्था की थी। मंत्री रहते उनके दरवाजे हर किसी के लिए खुले रहते थे। लोकतंत्र के प्रखर समर्थक राजनारायण जी ने हमेशा सत्ता के अहंकार को चुनौती दी। इसके लिए 17 साल उन्हें जेलो में बिताना पड़ा। डा0 लोहिया कहते थे राजनारायण के रहते लोकतंत्र को खतरा नहीं हो सकता है। श्री यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार बनने पर लोकभवन में समाजवादी नेताओं राजनारायण जी तथा रामशरण दास जी की प्रतिमाए लगेगी।
इस कार्यक्रम मंे सर्वश्री नारद राय, एसआरएस यादव, सुभाष राय, व्यासजी गोंड, सुशीन दीक्षित, चौधरी राजपाल सिंह, आदिल चौधरी, विजय यादव, धर्मेन्द्र सिंह यादव, राकेश राय, मधुर श्याम राय, रामगोपाल पुरी, एस.के. राय, आनन्द त्रिपाठी, मनीष सिंह, राजवर्धन जाटव, महेन्द्र कुमार यादव, अवनीश कुमार यादव, धीरज श्रीवास्तव, अभिषेक यादव, मृृत्युंजय पाण्डेय, बृृजेश पाण्डेय, डा0 मगरूब कुरैशी, खुर्शीद अहमद, कमाल खान, सागर पाठक, आदि की भी उपस्थिति रही।
(राजेंद्र चौधरी)
मुख्य प्रवक्ता

मुख्यमंत्री की गलत भाषा के कारण कानून व्यवस्था बिगड़ रही है-अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी की भाषा के कारण सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में लोगों की जानें गई हैं। उनकी बदला लो और ठोको नीति के परिणाम स्वरूप प्रदेश में कानून व्यवस्था चैपट हुई है। पुलिस ने गाड़ियां तोड़ी है और घरों में लूटपाट की है। जिनकी मौतें हुई है उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी जा रही हैं। एफआईआर नहीं लिखी जा रही है। मृतकों के परिवारीजनों से विपक्षी नेताओं को मिलने भी नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में असहमति का अधिकार है। जिसके साथ अन्याय होगा, समाजवादी पार्टी उसके साथ खड़ी होगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि सन् 2022 में समाजवादी पार्टी कोई गठबंधन नहीं करेगी। भविष्य में जनता से गठबंधन रहेगा।
श्री यादव ने पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में उपस्थित समाजवादी पार्टी तथा निषाद संघ उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा हिन्दू-मुस्लिम एकता से डरी हुई है। सीएए, एनआरसी, एनपीआर के प्राविधान संविधान के विरूद्ध है। ये कानून आम जनता को परेशान करने और मुस्लिमों को डराने के लिए लाए जा रहे है। इसके पीछे बदनीयती और धोखा है। मानवाधिकार हनन में सबसे ज्यादा नोटिसें उत्तर प्रदेश सरकार को मिली है।
इस अवसर पर विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सर्वश्री अहमद हसन, इन्द्रजीत सरोज, राजेन्द्र चौधरी, नरेश उत्तम पटेल, चौधरी लोटन राम निषाद, एसआरएस यादव आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
श्री यादव ने कहा पुलिस की गोली से मृत लोगों के आश्रितों को भाजपा सरकार मुआवजा दे। लोगों की सम्पत्ति को जो नुकसान पुलिस ने पहुंचाया है उसकी भी भरपाई सरकार करे। उन्होंने कहा कि सन् 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर 2007 में गोरखपुर के दंगे के नुकसान की भी भरपाई कराई जायेगी।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस अत्याचार बढ़ा है। लोगों की जानें जाने के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। वह शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर रोक कैसे लगा सकती है। श्री यादव ने कहा कि भाजपा सरकार लोगों को डरा रही है। धमकियां दे रही है। मनमानी करना भाजपा का तरीका है। नफरत और अन्याय बढ़ाना तथा भारत की एकता के विरूद्ध काम करना आरएसएस का एजेण्डा है। भारत के नागरिकों के अधिकारों का भाजपा राज में क्या होगा?
श्री यादव ने कहा कि सरकारों को गरीबों की नज़र से देखना चाहिए। अगर सरकार अपनी नज़र से देखेगी तो समस्या का समाधान कैसे होगा? आज तो वंचितों गरीबों के विरूद्ध साजिश की जा रही है। लड़ाई बड़ी है जिन्हें दबाया गया लड़ाई उनकी है। समाजवादी पार्टी इन्हीं की लड़ाई लड़ रही है। भाजपा चतुर चालाक है और झूठ की मास्टर है, इससे गरीबों को सावधान रहना है।
उन्होंने कहा भाजपा अंधकार की तरफ ले जा रही है। चंद लोगों को ही फायदा पहुंचाया जा रहा है। समाजवादी पार्टी सबको जोड़कर चलती है। किसी से भेदभाव नहीं करती है। समाजवादी पार्टी समाज में विश्वास और सद्भाव कायम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सबको उलझाकर और भ्रम में रखना चाहती है। बुनियादी और वास्तविक मुद्दों का कोई समाधान नहीं किया जा रहा है। किसानों, नौजवानों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने कहा कि जनगणना जातियों की होनी चाहिए। जातियों की नफरत खत्म करने के लिए यह जरूरी है। इससे योजनाओं में समानुपातिक भागीदारी भी तय होगी।
चौधरी लोटनराम निषाद राष्ट्रीय सचिव निषाद संघ एवं कार्यकर्ताओं-नेताओं ने कहा कि अखिलेश जी में समाज को आगे लाने की सोच है। वे सबको भागीदारी देना चाहते हैं। उनका बेदाग, ईमानदार नेतृत्व है। विकास के कामों में समाजवादी पार्टी का मुकाबला नहीं हो सकता है। श्री अखिलेश यादव ही सामाजिक न्याय और राजनीतिक विचारधारा के विकल्प के नेता हैं। एकस्वर से कार्यकर्ताओं ने कहा कि राजनीतिक धुंधलके में बादल छांटने के लिए समाजवादी पार्टी के लिए पूरी मुस्तैदी से जुटेंगे।
आज राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव के समक्ष उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश महासचिव श्री रमेश चंद्र निषाद, उत्तर प्रदेश तैलिक महासंघ के सर्वश्री विनोद कुमार राठौर, मनोज कुमार राठौर, राजेन्द्र राठौर, श्रवण राठौर, मनोज राठौर, सतीश राठौर, रामदत्त राठौर, नन्हके राठौर, विष्णु राठौर, रामकृष्ण राठौर, श्रीपाल वर्मा, विश्वनाथ पाल, मनीष शर्मा, अकबर अली, अमित राठौर, पंकज राठौर और विशाल निषाद के अतिरिक्त निषाद पार्टी बलिया के श्री ज्ञानेश्वर कश्यप ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहरण की। कार्यक्रम में सर्वश्री लाल प्रताप यादव, वंशीधर यादव, मंजू मौर्या, रश्मिी राजपूत तथा श्याम नारायण बिन्द ने भी अपने विचार रखे।
(राजेन्द्र चौधरी)
मुख्य प्रवक्ता

अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में महिलाएं और बेटियां सुरक्षित नहीं है

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में महिलाएं और बेटियां सुरक्षित नहीं है। वे घर से बाहर निकलें, पढ़ने जाएं, किसी समारोह में जाएं या अपनी नौकरी पर जाएं उनके लिए असुरक्षा का भय आतंक बनकर साथ चलता है। हर दिन बलात्कार और यौन हिंसा के मामले दर्ज होते हैं। नाबालिग बच्चियां भी इस क्रूरता की शिकार होती हैं। किसी भी सभ्य समाज के लिए यह स्थिति अत्यंत शोचनीय और निंदनीय है।

उत्तर प्रदेश में तो हालत दिन पर दिन खराब होते जा रहे हैं। हर दिन दुष्कर्म के काण्ड होते हैं। बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं के कथित प्रचारक सत्ता में रहते हुए भी अमानवीय घटनाओं पर रोक लगाने में विफल हैं। अभियोजन पक्ष तो और भी कमजोर है जिसका अपराधी फायदा उठाते हैं। इसमें सत्ता पक्ष की नीतियां भी दोषी हैं। आज जंगलराज का शिकार हर बेटी हत्या प्रदेश में खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। समाजवादी सरकार में महिलाओं से छेड़छांड़ की घटनाएं रोकने के लिए 1090 योजना शुरू की गई थीं। इस व्यवस्था को भाजपा सरकार ने शिथिल कर दिया है। अपराध नियंत्रण के लिए यूपी डायल 100 की व्यवस्था की गयी थी उसको भी भाजपा सरकार द्वारा 112 संख्या में बदलकर निष्प्रभावी बना दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में मैनपुरी नवोदय विद्यालय में छात्रा की संदिग्ध मौत दो महीने पहले हुई लेकिन जांच कार्यवाही में लेट लतीफी हुई, सीतापुर में मछेरहटा के एक गांव में किशोरी से बंधक बनाकर दुराचार किया गया, आजमगढ़ में भी एक किशोरी से दुष्कर्म, सम्भल में कई दिन जीवन से संघर्ष के बाद रेप पीड़िता की मौत, हरदोई के सुरसा थाना क्षेत्र में 7 वर्ष की कक्षा 3 की छात्रा गांव में बारात देखने निकली थी, जो दुष्कर्म की शिकार हुई। अम्बेडकरनगर में मालीपुर थाना क्षेत्र में ननिहाल से लौट रही एक नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई है। प्रदेश के तमाम जनपदों से ऐसी ही घटनाएं सामने आई हैं। ये ताजा घटनाएं हैं जो दिल दहलाती हैं।
दिल्ली के निर्भया काण्ड से लेकर हैदराबाद के प्रियंका काण्ड तक सरकारों का संवेदनहीन रवैया ही सामने आता है। प्रदेश में उन्नाव काण्ड, शाहजहांपुर काण्ड जैसी दुष्कर्म की घटनाएं इंसानियत को कलंकित करने वाली रही है जो आज भी सिहरन पैदा करती हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने पर करोड़ों का बजट खर्च करने वाली सरकार क्या दिन या रात में बेटियों-बहुओं का घर से बाहर निकलना सुरक्षित नहीं बना सकती है? सरकार सुरक्षित व्यवस्था नहीं बना सकती हैं तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
(राजेन्द्र चौधरी)
मुख्य प्रवक्ता